सपने की नियति है टूटना || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2012)
2019-11-29 1 Dailymotion
वीडियो जानकारी:
संवाद सत्र ११ अप्रैल २०१२ ऐस.ऐस.वी.आई.टी
प्रसंग: जीवन में कुछ दिन सपने लेकर उत्साह में करते है पर कुछ दिन बाद ऊब क्यों आने लगती है? क्या जीवन में सपने का रखना जरुरी है? सपने पुरे क्यों नहीं होते है?